राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची: झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल की गाड़ी को पश्चिम बंगाल के ग्रामीण हावड़ा की पुलिस ने भारी मात्रा में नकदी के साथ हिरासत में लिया है। ये सभी एक गाड़ी पर सवार थे और पूर्व मिदनापुर की ओर जा रहे थे। हावड़ा ग्रामीण की पुलिस अधीक्षक स्वाति भंगालिया ने बताया कि शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर वाहन जांच अभियान चलाया गया। बता दें कि पश्चिम बंगाल में हावड़ा जिले के पांचला थाना इलाके के रानीहाटी मोड़ के पास झारखंड के जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी की फॉर्च्यूनर गाड़ी संख्या JH 09 AQ 0016 से भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया. बताया जा रहा है कि इस गाड़ी में इरफान अंसारी के साथ कांग्रेस के दो अन्य विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप भी सवार थे! नकदी पांच-पांच सौ के नोटो में है। नोटों को गिनने के लिए कई मशीनें मंगायी गयी हैं। एसपी स्वाति भंगालिया ने बताया कि शानिवार देर शाम विधायक की गाड़ी को पांचला थाना अंतर्गत रानीहाटी मोड़ के पास रोका गया। गाड़ी की तलाशी शुरू हुई, तो भारी मात्रा में नकदी रखी हुई मिला। घटना की सूचना मिलते ही टीम के साथ यहां पहुंचीं हूं।
बंगाल पुलिस ने झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकाें काे कैश के साथ हिरासत में लिया है। ये हैं-जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी, काेलेबिरा के नमन विक्सल काेंगाड़ी और खिजरी विधायक राजेश कच्छप। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार 49 लाख रुपए मिलने की बात सामने आ रही है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। तीनाें विधायकों से पांचला थाने में पूछताछ चल रही है।
एसपी स्वाति भंगालिया ने बताया कि बताया कि वाहन पर झारखंड कांग्रेस के तीन विधायक इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी के अलावा दो अन्य लोग सवार थे। उन्होंने कहा कि विधायकों से पूछताछ की जा रही है। गाड़ी पर जामताड़ा विधायक का बोर्ड भी लगा हुआ है। मामले की जांच जारी है।
इरफान अंसारी जामताड़ा के विधायक है, जबकि नमन विक्सल कोंगाड़ी कोलेबिरा और राजेश कच्छप खिजरी से कांग्रेस विधायक है। बताया गया है कि इन तीनों विधायकों को कल से पार्टी ने नेता खोज रहे थे। लेकिन उनका मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा था। इस बीच आज गुप्त सूचना के आधार पर उन्हें पश्चिम बंगाल से पकड़ा गया है।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भारी मात्रा में कैश के साथ पकड़े गये तीनों कांग्रेस विधायक अभी मीडिया से बातचीत करने में कतरा रहे हैं। आलाकमान को अपनी सफाई देने के साथ ही मामले में किसी तरह से अपने चेहरे के बचाव की कोशिश में जुटे हैं। कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी से जब उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क कर बात करने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने फोन उठाने के बाद अपनी बात संक्षिप्त करने की कोशिश की। जब उनसे पूछा गया कि क्या पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है, तो बड़ी हड़बड़ी में दिख रहे इरफान अंसारी ने सिर्फ इतना ही कहा कि वे जल्द ही वापस झारखंड लौट रहे हैं। इससे पहले इरफान अंसारी लगभग हर दिन मीडिया में बयान देकर चर्चा में बने रहते थे, लेकिन फिलहाल अपने चेहरे को बचाने के प्रयास में जुटे हैं।
जबकि बंगाल पुलिस की हिरासत में आये कांग्रेस के दो अन्य विधायक राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी भी मोबाइल पर फिलहाल किसी मीडियाकर्मी से बातचीत नहीं कर रहे हैं। लेकिन यह बताया जा रहा है कि किसी तरह से इस मुश्किल से बाहर निकलने के लिए हर जुगत लगाने के प्रयास में जुटे हैं। इसकी सूचना मिलते ही झारखंड कांग्रेस में खलबली मच गई हैइधर,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी तीन विधायकों के पास से बड़ी रकम बरामद होने पर तत्काल प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आ रहे है। राजेश ठाकुर का कहना है कि इस मुद्दे पर वह आलाकमान से बात कर रहे है और आगे क्या स्टैंड लिया जाएगा, इसके बारे में कुछ देर बाद ही वह स्थिति स्पष्ट कर पाएंगे।
झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने इसको लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है.एएनआई से बातचीत में बंधु तिर्की ने कहा कि सरकार को अस्थिर करने की कोशिश भाजपा के स्वभाव में है. हेमंत सरकार के खिलाफ भी ऐसा ही किया जा रहा है. सरकार को गिराने के लिए तीनों विधायकों को बीजेपी के द्वारा पैसा दिया गया है
झारखंड भाजपा के राज्य महासचिव आदित्य साहू ने कहा, जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। इससे पहले भी झारखंड में-अधिकारियों के घरों में बड़ी मात्रा में नकदी पकड़ी गई थी। वे जनता की गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल दूसरे कामों में करते हैं
पुलिस यह पता लगा रही है कि पैसाें का स्राेत क्या है, कहां लेकर जा रहे थे। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में कई कांग्रेस विधायकों पर क्रॉस वोटिंग करने और भाजपा के संपर्क में हाेने का संदेह है। पुलिस ने तीनों विधायकों के मोबाइल जब्त कर लिए हैं। पुलिस का दावा है कि तीनों के अंतिम 50 कॉल से कुछ सुराग मिले हैं। नोट बरामदगी की सूचना मिलने के बाद देर रात केंद्रीय वित्त मंत्रालय की टीम भी पांचला थाने पहुंची और तीनाें विधायकों से पूछताछ की। पूछा कि वे बिना बॉडीगार्ड क्याें सफर कर रहे थे।
पूछताछ में विधायकों ने पुलिस को बताया कि नौ अगस्त को आदिवासी दिवस है। उस दिन झारखंड में बड़े पैमाने पर गरीब आदिवासियों के बीच साड़ियों का वितरण किया जाना है। सरकार की योजना के तहत साड़ियों की खरीदारी के लिए उन्होंने कोलकाता के बड़ा बाजार में एक कारोबारी से सौदा किया था। इसके बाद वे कांग्रेस की बैठक में भाग लेने मंदारमनी जा रहे थे। वहां से लौटने के बाद वे बड़ा बाजार जाते और साड़ी की खेप लेकर झारखंड चले जाते। लेकिन पुलिस इस बात पर विश्वास नहीं कर रही है।
अहम सवाल:-क्रॉस वोटिंग की जांच करने प्रदेश प्रभारी आए हैं, तो तीनों कोलकाता क्यों गए?-तीनों ने बॉडीगार्ड नहीं ले रखे थे, तो ऐसे गुपचुप यात्रा करने का मकसद क्या?-विधायकों पर बीजेपी के टच में होने की चर्चा, ऐसे में कैश के साथ क्या कर रहे थे?
पिछले साल जुलाई में भी झारखंड सरकार को गिराने की साजिश रचने का दावा किया गया था। सरकार गिराने की साजिश के आरोप में 22 जुलाई 2021 को कांग्रेस के ही विधायक अनूप सिंह ने रांची के कोतवाली थाने में केस दर्ज कराया था। आरोप था कि अलग-अलग जगहों से कुछ लोग राजनीतिक षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए रांची में जुटे हैं। सत्तारूढ़ दल के विधायकों की खरीद-फरोख्त की बात चल रही है। ताकि कुछ विधायकों को प्रलोभन देकर उन्हें तोड़ा जा सके और सरकार गिराई जा सके। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में एक दुकानदार, फल विक्रेता और श्रमिक को दो लाख रुपए के साथ पकड़ा था।
इस मामले में पुलिस ने कोर्ट को जो पत्र भेजा था, उसमें दावा किया था कि 10 दिन पहले विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला और अमित यादव दो आरोपियों के साथ एक ही फ्लाइट से दिल्ली गए थे। इसमें दो पीएनआर का भी जिक्र था। बताया गया था कि पीएनआर नंबर ओएमजेडएमआरडब्ल्यू पर आरोपी निवारण प्रसाद महतो, अमित कुमार और कुमार गौरव दिल्ली गए थे।
वहीं दूसरी पीएनआर नंबर आईजीसीटी2वी पर इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला, अमित कुमार यादव और हर्षवर्धन नामक व्यक्ति ने यात्रा की थी। इन नेताओं के दिल्ली यात्रा की जानकारी मिलने के बाद पुलिस दिल्ली और मुंबई गई थी, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
विवादों से पुराना नाता है इरफान का
इरफान के पिता फुरकान अंसारी पुराने कांग्रेसी नेता हैं। साथ ही जामताड़ा के इलाके में अल्पसंख्यकों के बीच दोनों पिता पुत्र की अच्छी पैठ है। इरफान पहली पर 2014 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने और दुबारा 2019 में। वे अक्सर अपने बयानों को लेकर विवादों में भी रहते हैं। पिछले दिनों जामताड़ा में अल्पसंख्यक इलाकों में सरकारी स्कूल को शुक्रवार के दिन बंद रखने और रविवार को खुलने को लेकर भी विवादों में आए थे।
वहीं कोलेबिरा से नमन विक्सेल कोंगाड़ी पहली बार 2019 में कांग्रेस के टिकट से विधायक बने हैं। उन्होंने निर्दलीय विधायक एनोस एक्का को हराकर जीत दर्ज की थी।
हिरासत में लिए गए तीसरे विधायक राजेश कच्छप भीभी पहली बार कांग्रेस के टिकट से राजधानी की खिजरी विधानसभा सीट पर चुनाव जीता था। उन्होंने बीजेपी के राम कुमार पाहन को पांच हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी।
दरअसल 25 जुलाई को झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य मैं दावा किया कि विधायकों का एक समूह उनकी पार्टी के संपर्क में है। जिनकी संख्या लगभग 16 के आसपास है और झारखंड मुक्ति मोर्चा भी उनके प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहा है। हालांकि उन्होंने बीजेपी विधायकों की चर्चा की लेकिन इससे भी इंकार नहीं किया कि अन्य दलों के विधायक भी उन बीजेपी विधायकों के साथ हो सकते हैं।
आलोचकों का कहना है कि मानसून सत्र आहूत है। लेकिन, कांग्रेस के तीनों विधायक जनता के सवाल, समस्याओं को सदन में रखकर समाधान कराने की तैयारी की बजाये कैश कलेक्शन में मस्त हैं। यह दुर्भायपूर्ण है। मानसून सत्र की व्यस्तता के बीच ये विधायक गुवाहाटी का रुख कर बैठे और हावड़ा में धरे गए। विधानसभा सत्र के दौरान विधायक राजधानी में ही रहते हैं। गठबंधन सरकार की सेहत को लेकर आये दिन बातें होती हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि सरकार को लेकर किसी तरह की साजिश चल रही थी तो फिलहाल इन इरादों पर ब्रेक लग जाएगा। अगर विधानसभा में पहले अनुपूरक बजट के दौरान कुछ पक रहा था तो उस पर भी ब्रेक लग जाएगा।
गठबंधन सरकार में झामुमो कोटे से पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने जयराम रमेश के ट्वीट को रिट्वीट किया। दूसरी ओर उन्होंने भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के ट्वीट पर पलटवार करते हुये लिखा कि बिल्कुल सही। प्रत्यक्षंम किम प्रमाणम। झारखंड की लोकचयनित सरकार को अस्थिर करने की भाजपाई कोशिश का पर्दाफाश हुआ। अब इसका और क्या सुबूत चाहिए?
लगता है आज भी भाजपा का हेमत सरकार को अस्थिर करने की कोशिश नाकाम होगया !